ख्वाब तो देखे
थे हमने भी
अनेक पर रह
गये अधिकतर बनकर
“Covenant” ड्रीम्स
आज़ादियाँ जब लिखी
गयीं थी कुछ पन्नो पर कहीं
और ज़ंजीरो में जकड़ी गयीं हमारी “artificial” थीम्स
“Crawl” कर रहे थे
हम तकलीफ में कहीं, सोचा था के येही है अपनी असली “speed”
कुछ नहीं थी कुछ नहीं
थी; मियां नादान थी और है अपनी यह ever growing “greed”
जब मुड़ना था दुनिया
की और हमे “to show them the middle finger”
पलटवार हुआ तगड़ा हमी
पर जब मुड़ी दुनिया हमारी ही ओर “to show me their own linger”
दुःख देखा दुसरे का
और turn हुए हम तुरंत ही “into a modern sadistic”
“ROFL” हुए मन ही मन
हम और बड़े आगे crawling “to know more
of the renowned mystic”
अब पकड़ हो रही थी हम
पर और भी मजबूत “to completely bury my thoughts on freedom”
इरादे ले रहे थे अपनी
आखरी सांस सुनते हुए puppet player ki की एक कर्राती आवाज़ “fu## you and your thoughts
on freedom”
लिए चल रहा हूँ इन
ज़ंजीरो को कबसे नाजाने; टूटेंगी यह एक दिन यही लगी है कबसे आस
ख्वाबो को करना है
पूरा हमे न की देखना है यह “Covenant” ड्रीम्स का बड़ता हुआ अशलील रास
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